मुझे तुम
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मुझे तुम
भूल सकते हो
मुझे लिख कर्
कहीं रख दो
छुपा कर
सबकी नजरों से
मेरी चाहत
कहीं रख दो
कोई इल्ज़ाम
तुझ पर हो
मुझे मंज़ूर
कब होगा
मेरी आंखों में
दिखते हो
मेरी आंखें
कहीं रख दो ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
मुझे तुम
भूल सकते हो
मुझे लिख कर्
कहीं रख दो
छुपा कर
सबकी नजरों से
मेरी चाहत
कहीं रख दो
कोई इल्ज़ाम
तुझ पर हो
मुझे मंज़ूर
कब होगा
मेरी आंखों में
दिखते हो
मेरी आंखें
कहीं रख दो ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद