मुझे तुझसे महब्बत है, मगर मैं कह नहीं सकता
मुझे तुझसे महब्बत है, मगर मैं कह नहीं सकता
तुझे मुझसे अदावत है, मुझे तू सह नहीं सकता
वफ़ा की आँच इतनी तेज है हम जल ही जायेंगे
अकेले देर तक तन्हा तू भी अब रह नहीं सकता
—महावीर उत्तरांचली