मुझे जागना है !
मुझे जागना है अपनी नींद से लड़ना है
नये सपनों के जंजाल में क्यों पड़ना है!
पहले ही देखे रक्खे हैं अनगिनत सपने
असमंजस में हूँ उन्हें कैसे पूरा करना है!
कई अधूरे ही पड़े हैं जो देखे मैंने पहले
सोचता रहता हूँ उन्हें कब पूरा करना है!
वैसे भी कहाँ आते हैं मुझे बढ़िया सपने
दिल दहलाते सपनों का क्या करना है!
दो काम मुमकिन नहीं एक साथ कभी
मुझे तो इस असमंजस में नहीं पड़ना है!
जागते हुए सपने नहीं देख पाया कोई
सपनों के भ्रमजाल में क्यों उलझना हैं!
सोते हुए उन्हें पूरे कोई कर पाया नहीं
या तो सपनों के लिए सोते रह जाऊँगा!
ग़र जागता रहा सपने नहीं देख पाऊँगा
मुझे जागने सोने में बस चुनाव करना है!
अपनी नींद से मुझे दो दो हाथ करना है
जागकर बस अधूरा काम पूरा करना है!