मुझे उनके आने का पैगाम देना
मुझे उनके आने का पैगाम देना…
मुझे उनके आने का पैगाम देना
यही इक मुहब्बत का इनाम देना..
भरोसा वफा का बहुत यार पर है
नहीं बेवफा का उसे नाम देना…
गुज़ारिश करो मत नहीं ये सुनेंगे
बुढ़ापे में खुद को आराम देना…
लिए हौसला लड़ रहे आंधियों से
फ़र्ज यह तुम्हारा कि मुकाम देना…
अभी हाथ में मेरे ताकत है बाकी
अगर दे सको तो जरा काम देना….
नहीं याद आता अगर वक़्त वादा
जरूरी बहुत पाँच बादाम देना….
कमाई बढ़ेगी नहीं इस नियम से
कहाँ ‘राही’ लिखा सही दाम देना…
डाॅ. राजेन्द्र सिंह राही
(बस्ती उ. प्र.)