Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2021 · 1 min read

मुझे इन लम्हों को जीने दो

कुछ लम्हे मशहूर हुए और
कुछ लम्हे बेजार हुए।
कुछ तो दिल में समा गए और
कुछ लम्हे बेकार हुए।
मशहूर हुए इन लम्हों से अब,
चाक जिगर के सीने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।
मंदिर में,जब घंटा बाजे,
और मस्जिद में हो अजान।
गुरुद्वारे अरदास करें जब,
तब, मन से रहने दो इंसान।
मजहब की दीवार गिराकर,
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर,
सबको अब खुश रहने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।
न जाने क्यूँ, अंजान डगर है,
न जाने ये कैसा सफर है?
हर सफर में मुश्किल बड़ी है,
इम्तिहान लेती ज़िन्दगी खड़ी है।
साथ न दे जब कोई अपना,
खुद को ही दामन सीने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।
मुझे इन लम्हों को जीने दो।

Language: Hindi
2 Likes · 195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
Mahender Singh
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
ठंडा - वंडा,  काफ़ी - वाफी
ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अपनी और अपनों की
अपनी और अपनों की
*Author प्रणय प्रभात*
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
Surinder blackpen
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
कवि दीपक बवेजा
पापा की बिटिया
पापा की बिटिया
Arti Bhadauria
"श्यामपट"
Dr. Kishan tandon kranti
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
जीवन की यह झंझावातें
जीवन की यह झंझावातें
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फ़र्क
फ़र्क
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
कौशल
कौशल
Dinesh Kumar Gangwar
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
The_dk_poetry
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
3168.*पूर्णिका*
3168.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
Loading...