मुझे इतिहास लिखना है
चलते-चलते
तेरे और मेरे हुनर में फर्क बहुत है ऐ मेरे
दोस्त,
तुझे इतिहास पढ़ना है और मुझे इतिहास लिखना है।
कवि अभिषेक पाण्डेय
चलते-चलते
तेरे और मेरे हुनर में फर्क बहुत है ऐ मेरे
दोस्त,
तुझे इतिहास पढ़ना है और मुझे इतिहास लिखना है।
कवि अभिषेक पाण्डेय