रूठना मनाना
मुझे आपसे बेइंतहा प्यार हुआ है
और आपको मुझसे नफ़रत।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
आपको मुझसे कुछ शिकायत है,
फिर भी शक्ल सूरत पर इतनी इनायत है।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
आपके नफरतों की गाज यूं ही गिरती रहें,
कभी मैं रोता रहूं आप यूं ही हंसती रहें।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
ख्वाबों के ख्वाब सजाया था आपने मेरे साथ,
क्या रिश्ते की गर्मजोशी ठंडा पड़ गया
एक गलतफहमी के साथ।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
जरूर यह फरेबी जमाने ने नज़र लगाई होगी ,
हमारी कुछ अच्छाइयों को खामियां बताई होगी।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
पलके झुका कर आपकी हर रुसवाई को कबूल करता हूं,
आपकी हर अदाओं को मैं “अमन” मकबूल करता हूं।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।
मैं बादशाह हूं ख्वाबों का और आप
हमारी बेगम ,
ख़ुदा करे हमारे ज़हन में आपकी “गरिमामई” रियासत बरकरार रहे।
ख़ुदा करे मुक्कमल इश्क का यही दौर चलता रहे,
मैं मनाता रहूं और आप यूं ही रूठी रहें।