मुझे आने तो दो
मुझे आने तो दो
माँ! मुझमें बहता सार तेरा,
तेरी कोख ही है संसार मेरा।
स्नेह तेरा पाने तो दो,
मुझे आने तो दो।
मेरी सार्थकता का भान नहीं।
पूरक हूँ मैं व्यवधान नहीं।
सृजन और,समृद्धि हूँ मैं।
मौका मिले तो,वृद्धि हूँ मैं,
अवसर एक पाने तो दो।
मुझे आने तो दो।
मम्मी तेरी लाडो,
पापा की छोरी हूँ मैं।
कहीं पर श्रृंगार,
कहीं पर लोरी हूँ मैं।
दुनिया के रंग मंच पर,
कोई किरदार निभाने तो दो।
मुझे आने तो दो।
बिन देखे कैसे जान लिया,
बिन परखे कैसे मान लिया।
नन्हीं सी परी घर आएगी,
नीरवता सारी जायेगी।
किलकारी से आंगन को
भर जाने तो दो।
मुझे आने तो दो।
माँ बाप की है परवाह मुझे,
कुछ करने की चाह मुझे।
उपवन में इस नन्हें पौधे को
जम जाने तो दो।
मुझे आने तो दो।
मैरी,लता, कल्पना हूँ मैं,
सायना,सिंधु, सपना हुँ मैं।
अब कुछभी नहीं असाध्य लगे,
कोई राह नहीं जहां पावे डिगे।
कोई नया उपमान बनाने तो दो।
मुझे आने तो दो।
कोई नहीं किसी का खाता,
सब भाग्य लिखा कर लाता।
हत्या करने की ठान लिया,
हर बार गलत अनुमान किया।
बेवजह के न बहाने दो।
मुझे आने तो दो।
ईश्वर की प्यारी रचना,
अंगीकार करो।
आने से पहले न मारो,
स्वीकार करो।
खुद को एक हत्यारा
न बन जाने दो।
मुझे आने तो दो।
-सतीश सृजन