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19 Mar 2020 · 1 min read

मुझको भुला रहा है कोई

हो गया मोम सा खुद को गला रहा है कोई
आज फिर जिंदगी की लौ जला रहा है कोई

खो गया चैन भी और उड़ गयी है नींद मेरी
है यकीं आज भी मुझको भुला रहा है कोई

आँख जब से खुली है हाल ये हुआ है मेरा
लोरियाँ गा के अभी तक सुला रहा है कोई

ये चलन दुनिया का देखा जनम से आज तलक
मैं हूँ खुश पर मुझे बरबस रुला रहा है कोई

2 Likes · 1 Comment · 228 Views
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