Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2019 · 1 min read

मुजफ्फरपुर से

मुजफ्फरपुर से
************
आसमान में गूंजती
मुजफ्फरपुर के बच्च्चों की
दर्दनाक चीखें
रोते हुए घर से निकली
सकरी गली से गुजरती
शासकीय अस्पताल में आकर
एक दूसरे से मिली

कांपती, सिसकती
मासूम बच्चों की सांसें
न जाने कितने घंटे, दिन
अपने बचे रहने के लिए
गिड़गिड़ाने लगीं

बच्चों की कराह को अनसुना कर
नयी योजनाओं को लागू करने का
फोटो खिंचवाते समय
स्वांग रचते रहै
हमारे नेता

अब कोई इन बच्चों के करीब आता है
छू कर महसूसता है इनका दर्द
छनछना जाती हैं आंखें
बूंदें टपक कर
बिखेर देती हैं जमीन पर
सारी अव्यवस्थायें
कि, देखो
बच्चों के रिसते हुए खून पर
राजनीति करने वाले
संसद में बैठकर
बच्चों की मौत का मातम मनायेंगे

अभी- अभी खबर मिली है
कि, मौत से जूझते बच्चों के चेहरों पर
चाहतों की आंखें बिछ गयी हैं

मुस्तैद हो गयी हैं
कैमरों की आंखें
खींच रही हैं फोटो
पहले नेगेटिव फिर पाजिटिव
निगेटिव, पाजिटिव के बीच
फैले गूंगेपन में
चीख रहैं हैं बच्चे
चीख रहा है
मुजफ्फरपुर
बेआवाज़

फोटो गवाह है कि
मुजफ्फरपुर चीख रहा है
देश चीख रहा है
गूंगी फोटो
अखबार के मुखपृष्ठ पर चीख रही है

चीखती रोती बिलखती
मायें
अपने बाहर निकलते कलेजे को थामें
हर आगंतुक के सामने
आंचल फैलाए
चीख रहीं हैं
पूंछ रही हैं
क्या ? कोई
बच्चों को जिंदा रखने का
उपाय बतायेगा–

“ज्योति खरे”

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोहब्बत जो हमसे करेगा
मोहब्बत जो हमसे करेगा
gurudeenverma198
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
*प्रणय*
यादगार बनाएं
यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
पूर्वार्थ
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
मन में उतर कर मन से उतर गए
मन में उतर कर मन से उतर गए
ruby kumari
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
याद में
याद में
sushil sarna
अध्यात्म के नाम से,
अध्यात्म के नाम से,
Dr.Pratibha Prakash
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
"तुम नूतन इतिहास लिखो "
DrLakshman Jha Parimal
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
Ashwini sharma
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
विषय - स्वाधीनता
विषय - स्वाधीनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
Loading...