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7 May 2024 · 1 min read

मुखौटा

मुखौटा

ज़ुबां पर मिठास और दिल में ,ज़हर रखते हैं,
हाथों में गुलाब सजाते ,पीठ पर खंजर घोंपते है।
मीठी जुबां में इंसान को बहलाती खूनी दरिंदगी _
शख्सियत अज़ीब उनकी, साज़िश रचाया करते हैं।

लबादा ओढ़े सफ़ेदपोश सदाकत वफादारी का
दिखावटी रवायतें और मिलनसार तरफ़दारी का
बेपनाह मोहब्बत की बातें करते हैं अक्सर वही –
नफ़रत छिपा कोरे फ़र्ज़ निभाते दुनियादारी का।

मत करो वार उन्हीं पर, जो सच में रिश्त़े बनाते हैं
दोस्ती की रस्म़ अदायगी में ख़ून अपना बहाते हैं
ऑंखों को मूंदकर अंधा विश्वास किया करते हैं –
इंसानियत की राह पर चलते सबको गले लगाते हैं।

योगमाया शर्मा
कोटा राजस्थान

Language: Hindi
55 Views
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