Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2021 · 1 min read

मुखिया जी देथहिन (हास्य कविता)

मुखिया जी देथहिन
(हास्य कविता)

बेमतलब के कोनो काज राज करैत छि
हम त कहब एक्को टा खरहो ने खोंटू
अहाँ हुनका वोट द दिऔन
सब किछु त मुखिया जी देथहिन.

जबनका के बिरधा पिलसिन
बुढ़बा सब के जबनका पिलसिन
व्यर्थ समय गमाऊ त बेकारी पिलसिन
सभटा पिलसिन त मुखिया जी देथहिन.

डिग्री डिप्लोमा नहि अछि तै सँ की ?
आब पढाई लिखाई एकदम नहि करू
हरदम हुनके संपर्क में रहू
शिक्षामित्र के नोकरी त मुखिया जी देथहिन.

सरकारी खरांत हाई रे पंचायती राज
आब रही नहि गेल कोनो काज राज
बिरधा पेसन पास कराऊ कामिसन खाऊ
रुप्पैयाक बंदरबांट त मुखिया जी करथिन.

ईंटाघर वाला के इंदिरा आवास
टूटलाहा घर वाला के लागल तरास
भुखले मरी जायब त बी. प. एल.
अन्तोदय योजना में फेल भेलौहं की पास ?

अप्पन काज राज छोडि के
ब्लोकक चक्कर लगाऊ
मुखिया जी त भेंट भए जेताह
चाहो पान के खर्च त उहे देथहिन.

कमाए खटाए के अहाँ करब की ?
फुसियाँहिक हर कियक जोतब
बँटा रहल अछि सरकारी खरांत
अहाँ दौगल जाउ बाद में हमरा नहि टोकब.

मंगनी के चाउर दाइल सँ पेट भरी जायत
कहियो भुखले नहि अहाँ मरब
कोई ने अहाँ के टोके मुखिया जी ओ.के.
मुखीये जी के कहल टा अहाँ करब.

राहत पैकेज के हेरा फेरी केलन्हि
आब आंखि हुनकर चोन्हरेलैंह
सरकारी लिस्ट में अहींक नाम टा अछि
ओई पर साइन त मुखिया जी कर्थिहीन.

कवि- किशन कारीगर
(©काॅपिराइट)

Language: Maithili
3 Likes · 2 Comments · 484 Views
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
उसपे अपने शब्द व्यर्थ न किए जाए।
Kanchan Alok Malu
ले चल पार
ले चल पार
Sarla Mehta
वाचाल
वाचाल
Rambali Mishra
मुॅंह अपना इतना खोलिये
मुॅंह अपना इतना खोलिये
Paras Nath Jha
मत घबराओ
मत घबराओ
Sanjay ' शून्य'
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
*सैनिक लड़ता है सीमा पर, भारत की रक्षा करता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रेम यहाँ कण-कण में है।
प्रेम यहाँ कण-कण में है।
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
ग़ज़ल _ असुरों के आतंक थे ज़्यादा, कृष्णा ने अवतार लिया ,
Neelofar Khan
*उम्रभर*
*उम्रभर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कहर कुदरत का जारी है
कहर कुदरत का जारी है
Neeraj Mishra " नीर "
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
बाल कविता मोटे लाला
बाल कविता मोटे लाला
Ram Krishan Rastogi
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
दूर मजदूर
दूर मजदूर
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
फ़ितरत
फ़ितरत
Dr.Priya Soni Khare
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हे कान्हा
हे कान्हा
Mukesh Kumar Sonkar
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय*
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
Ritu Verma
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिंदगी और स्वाद
जिंदगी और स्वाद
पूर्वार्थ
कवि भूषण
कवि भूषण
Indu Singh
फकीर
फकीर
Dr. Kishan tandon kranti
अलसाई सी तुम
अलसाई सी तुम
Awadhesh Singh
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
5) कब आओगे मोहन
5) कब आओगे मोहन
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...