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22 Sep 2023 · 1 min read

मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।

मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
बेगाना कोई नहीं, सबको अपना मान।
सहज भाव से ही हमें, करने हैं निज कर्म।
सबको तो मिलती नहीं, सभी सुखों की खान।
~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 656 Views
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