मुक्ति की आस
चाहे जितना पूजा -पाठ करो ,
तीरथ करो या व्रत -उपवास .
साधू -महात्माओं की सेवा की ,
मन में रख मुक्ति की आस .
मगर किसी का दिल दुखाया तो ,
यह सब करना है बकवास .
चाहे जितना पूजा -पाठ करो ,
तीरथ करो या व्रत -उपवास .
साधू -महात्माओं की सेवा की ,
मन में रख मुक्ति की आस .
मगर किसी का दिल दुखाया तो ,
यह सब करना है बकवास .