मुक्तक
दुनियां ने मोहब्बत का दायरा लिख दिया
मैं उसका शायर और उसे शायरा लिख दिया
जितने में उसका आशिक एक शेर नही कह पया
उतनी देर में मैंने उस पर मुशायरा लिख दिया
दुनियां ने मोहब्बत का दायरा लिख दिया
मैं उसका शायर और उसे शायरा लिख दिया
जितने में उसका आशिक एक शेर नही कह पया
उतनी देर में मैंने उस पर मुशायरा लिख दिया