मुक्तक
” सच है हमको भी गगन तक मार करना आ गया,
कठिनाईयों में भी समय पर वार करना आ गया,
वो हुनर भी सीख ली कविता में बौनी वेदना को,
शब्दों से सजाकर कुतुब-मीनार करना आ गया “
” सच है हमको भी गगन तक मार करना आ गया,
कठिनाईयों में भी समय पर वार करना आ गया,
वो हुनर भी सीख ली कविता में बौनी वेदना को,
शब्दों से सजाकर कुतुब-मीनार करना आ गया “