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22 Dec 2016 · 1 min read

मुक्तक

उठा अपनी कलम फिर जंग का आग़ाज़ कर
मुश्किलो को तोड़कर अम्बर में तू परवाज कर,
बिछ गया है देख भष्टाचार का आतंक यहाँ,
अब सियासी सूरमाओं के ये सर बेताज कर।।

Language: Hindi
376 Views
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