Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2018 · 2 min read

मुक्तक

मुक्तक

इश्क में इश्क ने हम पर रुआब रक्खा है।
हरेक सवाल का हमने जवाब रक्खा है।
जुबाँ ख़ामोश है लब मुस्कुरा रहे अपने-
ढहाए जुल्मो सितम का हिसाब रक्खा है।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

ख़्वाब आँखों ने बुने उनको चुराकर देखले।
आँख से आँसू बहे उनको छिपाकर देखले।
एक तू अहसान इतना आज कर ए दिलरुबा-
याद में मेरी कभी ख़ुद को भुलाकर देखले।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

सीखले कुछ इस जहाँ से आज़माना छोड़ दे।
भूलकर हैवानियत नफ़रत लुटाना छोड़ दे।
बेचकर बैठा यहाँ इंसानियत हर आदमी-
कर्ज़ रिश्तों का निभा किश्तें चुकाना छोड़ दे।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

तुम्हारी चाहतों के गुल फ़िजा में मुस्कुराते हैं।
तुम्हारे साथ के लम्हे हमें जीना सिखाते हैं।
शजर से टूटकर बिखरे सभी पत्ते यहाँ सूखे-
नई उम्मीद के दीपक तमस में जगमगाते हैं।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

द्वेष, चिंता, ईर्ष्या में जल रहा इंसान है।
नफ़रतों से जोड़ रिश्ता ढल रहा इंसान है।
पा मनुज चोला यहाँ हैवानियत के बीज बो-
बेचकर ईमान ख़ुद को छल रहा इंसान है।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

आशिकी में दिल लगाया प्यार पाने के लिए।
यार ने रुस्वाइयाँ दीं खुद रुलाने के लिए।
भूलकर शिकवा शिकायत कर रही हूँ मैं दुआ-
जो मुहब्बत था मेरी उसको जिताने के लिए।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

लगाकर आग मजहब की जलादीं बस्तियाँ देखो।
सियासत मुल्क में करते ज़रा खुदगर्ज़ियाँ देखो।
छिपाकर नोट लेते हैं बिकाऊ खून है सस्ता –
सिसकती लाज बहनों की लगादीं बोलियाँ देखो।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
धमाचौकड़ी, चोर-सिपाही बचपन याद दिलाते हैं।
भीगा आँचल, सौंधी खुशबू आँगन को ललचाते हैं।
पहल-दूज, खट्टी अमियाँ को मन मेरा अकुलाता है-
झूला, कजरी, मेला, सावन मुझको बहुत रुलाते हैं।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका- साहित्य धरोहर

Language: Hindi
2 Likes · 273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
राजनीति में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या मूर्खता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr Shweta sood
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
कहीं  पानी  ने  क़हर  ढाया......
कहीं पानी ने क़हर ढाया......
shabina. Naaz
दीपावली त्यौहार
दीपावली त्यौहार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नैन
नैन
TARAN VERMA
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Ujjwal kumar
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
बड़ी मछली सड़ी मछली
बड़ी मछली सड़ी मछली
Dr MusafiR BaithA
बादल गरजते और बरसते हैं
बादल गरजते और बरसते हैं
Neeraj Agarwal
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ चुनावी साल...
■ चुनावी साल...
*Author प्रणय प्रभात*
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
आवाज़ दीजिए Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
किसी भी सफल और असफल व्यक्ति में मुख्य अन्तर ज्ञान और ताकत का
Paras Nath Jha
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2357.पूर्णिका
2357.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
***
*** " ओ मीत मेरे.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
हज़ारों चाहने वाले निभाए एक मिल जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"आदत"
Dr. Kishan tandon kranti
एक नसीहत
एक नसीहत
Shyam Sundar Subramanian
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
व्यस्तता जीवन में होता है,
व्यस्तता जीवन में होता है,
Buddha Prakash
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
Desert fellow Rakesh
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
Loading...