Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2018 · 1 min read

मुक्तक

ज़रूरत से ज़्यादा न तू अपना विज्ञान रख,
जरा सलीके से गीता और कुरान रख,
बहुत हुई महलों की फिक्र, छोड़ दे,
बेघरों के हिस्से में भी कोई मकान रख।

Language: Hindi
1 Like · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*बोल*
*बोल*
Dushyant Kumar
"जीवनसाथी राज"
Dr Meenu Poonia
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
gurudeenverma198
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वह दे गई मेरे हिस्से
वह दे गई मेरे हिस्से
श्याम सिंह बिष्ट
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
Don't get hung up
Don't get hung up
पूर्वार्थ
इसरो के हर दक्ष का,
इसरो के हर दक्ष का,
Rashmi Sanjay
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
2515.पूर्णिका
2515.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
भ्रम का जाल
भ्रम का जाल
नन्दलाल सुथार "राही"
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
सूरज आया संदेशा लाया
सूरज आया संदेशा लाया
AMRESH KUMAR VERMA
जीना सिखा दिया
जीना सिखा दिया
Basant Bhagawan Roy
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
नूरफातिमा खातून नूरी
🙅समझ जाइए🙅
🙅समझ जाइए🙅
*Author प्रणय प्रभात*
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
bharat gehlot
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
"कुछ तो सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
Monika Verma
ना सातवें आसमान तक
ना सातवें आसमान तक
Vivek Mishra
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...