मुक्तक
ज़रूरत से ज़्यादा न तू अपना विज्ञान रख,
जरा सलीके से गीता और कुरान रख,
बहुत हुई महलों की फिक्र, छोड़ दे,
बेघरों के हिस्से में भी कोई मकान रख।
ज़रूरत से ज़्यादा न तू अपना विज्ञान रख,
जरा सलीके से गीता और कुरान रख,
बहुत हुई महलों की फिक्र, छोड़ दे,
बेघरों के हिस्से में भी कोई मकान रख।