मुक्तक
बहू-बेटी, बहू-बेटी है, मेरी हो, तुम्हारी हो,
इन्हें सम्मान से देखें, नजर ऐसी हमारी हो।
निगाहें जो बुरी डाले, उसे फांसी पे लटका दो,
वो चाहे मौलवी हो या किसी मठ का पुजारी हो।।
-विपिन शर्मा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मो. 9719046900