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15 Jun 2018 · 1 min read

मुक्तक

मंजिलों के रास्ते कुछ बोल रहे हैं!
रंग दिल में चाहत का घोल रहे हैं!
तिश्नगी ल़बों पर है पैमानों की,
क़दम जुस्तजू के कुछ डोल रहे हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
215 Views
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