Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2018 · 1 min read

मुक्तक

तेरी चाहत मेरे गुनाह की तरह है!
तेरी तिश्नगी दिल में आह की तरह है!
खींच लेती है खुशबू तेरे ख्यालों की,
तेरी याद बेखुदी की राह की तरह है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय प्रभात*
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"मैं आग हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह
कवि रमेशराज
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दोनों मुकर जाएं
दोनों मुकर जाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
मैं विवेक शून्य हूँ
मैं विवेक शून्य हूँ
संजय कुमार संजू
लिखता हूं जिसके लिए
लिखता हूं जिसके लिए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
Independence- A mere dream
Independence- A mere dream
Chaahat
सजग  निगाहें रखा करो  तुम बवाल होंगे।
सजग निगाहें रखा करो तुम बवाल होंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
Rituraj shivem verma
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
जब सहने की लत लग जाए,
जब सहने की लत लग जाए,
शेखर सिंह
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
Deepak Baweja
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
********** आजादी के दोहे ************
********** आजादी के दोहे ************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
gurudeenverma198
3964.💐 *पूर्णिका* 💐
3964.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अगर कोई छोड़ कर चले
अगर कोई छोड़ कर चले
पूर्वार्थ
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
Loading...