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12 Apr 2018 · 1 min read

मुक्तक

बंद होकर भी आँखें कुछ बोल जाती हैं!
राह तमन्नाओं की कुछ खोल जाती हैं!
रोशनी जल जाती है यादों की शक्ल में,
दर्द की लहरें जेहन में डोल जाती हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
396 Views
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