मुक्तक
मुझे ना छोड़ कर जाओ
सनम ना रुठ कर जाओ।
अजी गुस्से में हो फीर भी
हाल तो पुछ कर जाओ।।
बहुत गुस्ताख़ है दुनिया
सजन शैतान है दुनिया।
अकेली नार के खातिर
बलम शमशान यह दुनिया।।
………
©®पं.संजीव शुक्ल ” सचिन”
मुझे ना छोड़ कर जाओ
सनम ना रुठ कर जाओ।
अजी गुस्से में हो फीर भी
हाल तो पुछ कर जाओ।।
बहुत गुस्ताख़ है दुनिया
सजन शैतान है दुनिया।
अकेली नार के खातिर
बलम शमशान यह दुनिया।।
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©®पं.संजीव शुक्ल ” सचिन”