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5 Dec 2017 · 1 min read

मुक्तक

मेरा हरेक आलम ख्वाब तेरा लगता है!
तेरा ख्याल सर्दियों में धूप सा जलता है!
जब भी सताती हैं सरगोशियाँ इरादों की,
नींद के आगोश में दर्द तेरा चलता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 210 Views
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