मुक्तक 4
कोई खुदगर्ज होगा, जिसके नैना नम नहीं होंगे।
तुम्हारे साथ सब होंगे, मगर कल हम नहीं होंगे ।
भले ही लौटना फ़िर से, यहाँ पर कम जो हो जाए,
मगर स्कूल के किस्से कभी भी कम नहीं होंगे ।।
— सूर्या
कोई खुदगर्ज होगा, जिसके नैना नम नहीं होंगे।
तुम्हारे साथ सब होंगे, मगर कल हम नहीं होंगे ।
भले ही लौटना फ़िर से, यहाँ पर कम जो हो जाए,
मगर स्कूल के किस्से कभी भी कम नहीं होंगे ।।
— सूर्या