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18 Feb 2024 · 1 min read

मुक्तक 4

कोई खुदगर्ज होगा, जिसके नैना नम नहीं होंगे।
तुम्हारे साथ सब होंगे, मगर कल हम नहीं होंगे ।
भले ही लौटना फ़िर से, यहाँ पर कम जो हो जाए,
मगर स्कूल के किस्से कभी भी कम नहीं होंगे ।।

— सूर्या

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