मुक्तक
तुम देखकर भी मुझको ठहरते नहीं हो!
तुम सामने मेरे कभी रहते नहीं हो!
बेचैनियों का शोर है ख्यालों में मगर,
तुम अपनी जुबां से कभी कहते नहीं हो!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
तुम देखकर भी मुझको ठहरते नहीं हो!
तुम सामने मेरे कभी रहते नहीं हो!
बेचैनियों का शोर है ख्यालों में मगर,
तुम अपनी जुबां से कभी कहते नहीं हो!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय