मुक्तक
दर्द तेरा कायम है याद भी आ जाती है!
#शाम_ए_तन्हाई में बेइन्तहाँ सताती है!
हंसने की जब भी तमन्ना होती है दिल में,
ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर आती है!
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय
दर्द तेरा कायम है याद भी आ जाती है!
#शाम_ए_तन्हाई में बेइन्तहाँ सताती है!
हंसने की जब भी तमन्ना होती है दिल में,
ख्वाबों की चुभन से मेरी आँख भर आती है!
मुक्तककार-#मिथिलेश_राय