मुक्तक
आँखों के स्वप्न यूँ जले काजल से जा मिले
आँसू हमारी आँख के बादल से जा मिले
दुनियाँ की बेवफाई से जब दिल ये भर गया
थोड़ी सी वफा के लिये बोतल से जा मिले
अतुल पुण्ढीर
आँखों के स्वप्न यूँ जले काजल से जा मिले
आँसू हमारी आँख के बादल से जा मिले
दुनियाँ की बेवफाई से जब दिल ये भर गया
थोड़ी सी वफा के लिये बोतल से जा मिले
अतुल पुण्ढीर