Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ मौजूदा राजनीति।
[प्रणय प्रभात]
मामूली मत समझो इस को याद रखो,
नासूरी बनते घातक छाले सी है।
कभी सियासत इक गहरे दरिया सी थी,
वही सियासत अब उथले नाले सी है।।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

1 Like · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कठपुतली
कठपुतली
Shyam Sundar Subramanian
तारे बुझ गये फिर भी
तारे बुझ गये फिर भी
अर्चना मुकेश मेहता
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
Ankita Patel
4864.*पूर्णिका*
4864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"समाज का भला हो सकता है"
Ajit Kumar "Karn"
फूलों सा महकना है
फूलों सा महकना है
Sonam Puneet Dubey
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
भावी युद्ध ...
भावी युद्ध ...
SURYA PRAKASH SHARMA
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
फितरत
फितरत
Akshay patel
आखिर तो हूँ एक
आखिर तो हूँ एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" गौरतलब "
Dr. Kishan tandon kranti
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
Anis Shah
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
#जयंती_आज
#जयंती_आज
*प्रणय*
समन्वय
समन्वय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
जीवन दया का
जीवन दया का
Dr fauzia Naseem shad
आकर्षण मृत्यु का
आकर्षण मृत्यु का
Shaily
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
Manoj Mahato
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर  के ज़ालिम थपेड़ों को,
भुला बैठे हैं अब ,तक़दीर के ज़ालिम थपेड़ों को,
Neelofar Khan
यूं किसने दस्तक दी है दिल की सियासत पर,
यूं किसने दस्तक दी है दिल की सियासत पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...