Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
जब मैं तेरा अंश हूँ तो मुझे भटकाता है क्यूँ
जब मैं तेरी सन्तान हूँ तो मुझे सही राह दिखाता नहीं है क्यूँ l
जब मुझे तुझमे विश्वास है तो अपनी लगन लगाता नहीं है क्यूँ
क्यूँ कर मुझे अपने करीब लाता नहीं है क्यूँ ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

1 Like · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
वहशीपन का शिकार होती मानवता
वहशीपन का शिकार होती मानवता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
आधा ही सही, कुछ वक्त तो हमनें भी गुजारा है,
Niharika Verma
बहुमत
बहुमत
मनोज कर्ण
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
*आए दिन त्योहार के, मस्ती और उमंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* सड़ जी नेता हुए *
* सड़ जी नेता हुए *
Mukta Rashmi
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
Compromisation is a good umbrella but it is a poor roof.
GOVIND UIKEY
जीवन का जीवन
जीवन का जीवन
Dr fauzia Naseem shad
3948.💐 *पूर्णिका* 💐
3948.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
पूर्वार्थ
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
जगदीश लववंशी
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
Amulyaa Ratan
लक्ष्य
लक्ष्य
Shashi Mahajan
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
.
.
*प्रणय प्रभात*
नाना भांति के मंच सजे हैं,
नाना भांति के मंच सजे हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
Neelofar Khan
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...