विचार में जीने से बेहतर हृदय में जीना चाहिए। - रविकेश झा
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
सागर की लहरों
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
"बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला।
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय