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13 Jul 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
अनगिनत विचार मरते हैं
रोज़ यहीं में दम तोड़ते हैं
जब लिखने वाले चंद लोग
समय पर नहीं लिखते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे

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