मुक्तक
मुक्तक
अनगिनत विचार मरते हैं
रोज़ यहीं में दम तोड़ते हैं
जब लिखने वाले चंद लोग
समय पर नहीं लिखते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे
मुक्तक
अनगिनत विचार मरते हैं
रोज़ यहीं में दम तोड़ते हैं
जब लिखने वाले चंद लोग
समय पर नहीं लिखते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे