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28 May 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

आओं प्रयासों की , एक गंगा बहायें
कोशिशों का एक , समंदर सजाएं |
लिख दे कुछ इबारत , इस जमीं पर
अपने सपनों का एक , मंदिर सजाएं ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

2 Likes · 2 Comments · 43 Views
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