* मुक्तक *
* मुक्तक *
आओ दो पल बैठकर, कर लें कोई बात।
जिससे बन पाएं अभी, प्रियकर हर हालात।
प्रियकर हर हालात, भूलकर कड़वी बातें।
कर लेनी है याद, स्नेह पूर्ण मुलाकातें।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, प्रीति के भाव जगाओ।
रहें न बिल्कुल दूर, पास में प्रिय आ जाओ।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य