Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

* मुक्तक *

* मुक्तक *
आओ दो पल बैठकर, कर लें कोई बात।
जिससे बन पाएं अभी, प्रियकर हर हालात।
प्रियकर हर हालात, भूलकर कड़वी बातें।
कर लेनी है याद, स्नेह पूर्ण मुलाकातें।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, प्रीति के भाव जगाओ।
रहें न बिल्कुल दूर, पास में प्रिय आ जाओ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 107 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

समय की बहती धारा में
समय की बहती धारा में
Chitra Bisht
हम तुम
हम तुम
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
शिव शिव की टेर
शिव शिव की टेर
Santosh kumar Miri
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सोच रहा अधरों को तेरे....!
सोच रहा अधरों को तेरे....!
singh kunwar sarvendra vikram
#मंगलकामनाएं-
#मंगलकामनाएं-
*प्रणय*
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
पूर्वार्थ
हुआ
हुआ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
बहे संवेदन रुप बयार🙏
बहे संवेदन रुप बयार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
ruby kumari
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
"नैतिकता"
Dr. Kishan tandon kranti
खुद को ढाल बनाये रखो
खुद को ढाल बनाये रखो
कार्तिक नितिन शर्मा
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
शब्दों से कविता नहीं बनती
शब्दों से कविता नहीं बनती
Arun Prasad
मिलने वाले कभी मिलेंगें
मिलने वाले कभी मिलेंगें
Shweta Soni
संविधान बचाना है
संविधान बचाना है
Ghanshyam Poddar
🌸 आशा का दीप 🌸
🌸 आशा का दीप 🌸
Mahima shukla
पद्मावती छंद
पद्मावती छंद
Subhash Singhai
ऐंठे- ऐंठे चल रहे,  आज काग सर्वत्र ।
ऐंठे- ऐंठे चल रहे, आज काग सर्वत्र ।
sushil sarna
हकीकत
हकीकत
P S Dhami
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
Abhishek Soni
Loading...