मुक्तक-
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मुक्तक-
कैसे पढ़ूँ हृदय की पीड़ा,अवतार नहीं हूँ।
भाव नहीं छुपते चेहरे के,फनकार नहीं हूँ।
बोलूँ कैसे झूठ बताओ,तुम सब अपनों से,
कलमकार हूँ मैं तो केवल,सरकार नहीं हूँ।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
मुक्तक-
कैसे पढ़ूँ हृदय की पीड़ा,अवतार नहीं हूँ।
भाव नहीं छुपते चेहरे के,फनकार नहीं हूँ।
बोलूँ कैसे झूठ बताओ,तुम सब अपनों से,
कलमकार हूँ मैं तो केवल,सरकार नहीं हूँ।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय