#मुक्तक-
#मुक्तक-
■ बेज़ुबानी ठीक है…!!
“रास्ते अपने जुदा अब चारदीवारी अलग,
ख़ुद पे ख़ुद की सिर्फ़ ख़ुद की मेहरबानी ठीक है।
कौन मरता है भला दो-चार बोलों के लिए,
बदज़ुबानी से मेरी जाँ बेज़ुबानी ठीक है।।”
■प्रणय प्रभात■
#मुक्तक-
■ बेज़ुबानी ठीक है…!!
“रास्ते अपने जुदा अब चारदीवारी अलग,
ख़ुद पे ख़ुद की सिर्फ़ ख़ुद की मेहरबानी ठीक है।
कौन मरता है भला दो-चार बोलों के लिए,
बदज़ुबानी से मेरी जाँ बेज़ुबानी ठीक है।।”
■प्रणय प्रभात■