मुक्तक
इश्क में चोट खा कर के नया पैगाम लिखता हूँ।
वेवफा अब न हो कोई यही आयाम लिखता हूं।
प्यार में शर्त का होना कभी अच्छा नहीं लगता ।
ह्रदय की प्रेम पूजा को मैं तेरे नाम लिखता हूँ।।
सतीश पाण्डेय
इश्क में चोट खा कर के नया पैगाम लिखता हूँ।
वेवफा अब न हो कोई यही आयाम लिखता हूं।
प्यार में शर्त का होना कभी अच्छा नहीं लगता ।
ह्रदय की प्रेम पूजा को मैं तेरे नाम लिखता हूँ।।
सतीश पाण्डेय