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31 May 2023 · 1 min read

मुक्तक

इश्क में चोट खा कर के नया पैगाम लिखता हूँ।
वेवफा अब न हो कोई यही आयाम लिखता हूं।
प्यार में शर्त का होना कभी अच्छा नहीं लगता ।
ह्रदय की प्रेम पूजा को मैं तेरे नाम लिखता हूँ।।
सतीश पाण्डेय

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