*मुक्तक*
किसी के आने या जाने से अब फ़र्क नहीं पड़ता !
किसी के होने या न होने से अब फ़र्क नहीं पड़ता !!
फ़र्क पड़ता है अपनों के भेष में छुपे हुए दुश्मनों से !
सामने से दुश्मनी करने वालों से फ़र्क नहीं पड़ता !!
किसी के आने या जाने से अब फ़र्क नहीं पड़ता !
किसी के होने या न होने से अब फ़र्क नहीं पड़ता !!
फ़र्क पड़ता है अपनों के भेष में छुपे हुए दुश्मनों से !
सामने से दुश्मनी करने वालों से फ़र्क नहीं पड़ता !!