*मुक्तक*
नित्यप्रति मेरा जौहरी मुझे तोड़ता ही जा रहा है !
यूं वक़्त बेवक़्त मुझे हर वक़्त तराशा जा रहा है !!
जो जितना तराशा जाए बनता उतना बेहतरीन !
लगता है चीज़ कोई बहुत ही ख़ास बना रहा है !!
नित्यप्रति मेरा जौहरी मुझे तोड़ता ही जा रहा है !
यूं वक़्त बेवक़्त मुझे हर वक़्त तराशा जा रहा है !!
जो जितना तराशा जाए बनता उतना बेहतरीन !
लगता है चीज़ कोई बहुत ही ख़ास बना रहा है !!