*मुक्तक*
बड़े दिनों बाद कुछ अद्भुत करने का मन किया !
सागर सी गहरी कोई बात लिखने का मन किया !!
वैसे तो हम किसी की तारीफ़ के मोहताज़ नहीं !
बस आज आपकी तारीफ़ सुनने का मन किया !!
नफ़रत कीजिए या प्यार कीजिए !
कीजिए जब भी सौदा खरा कीजिए !!
दोगले लोग किसी काम के नहीं ,
अपने वादे पे जान वार दीजिए !!