मुक्तक
सब लिखते हैं धीमे – धीमे तू थोड़ी रफ्तार से लिख,
ज्वाला की लेखनी तू प्यार से लिख,अंगार से लिख,
सब लिखते अपनी बातें बस अपने दिन अपनी रातें
कलम छोड़ बातें मेरी औरों के हृदय विचार से लिख
सब लिखते हैं धीमे – धीमे तू थोड़ी रफ्तार से लिख,
ज्वाला की लेखनी तू प्यार से लिख,अंगार से लिख,
सब लिखते अपनी बातें बस अपने दिन अपनी रातें
कलम छोड़ बातें मेरी औरों के हृदय विचार से लिख