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9 Oct 2021 · 1 min read

मुक्तक

बीता हुआ पल हूँ बेशक..याद बन जाऊँगा |
लौटूँगा नहीं सच है..मगर बहुत तड़पाऊँगा |
ये अनुभूतियाँ ही हैं..जीने का इक बहाना…
आह भर.. ग़मों के एहसास में ढल जाऊँगा ||

_____________अलका गुप्ता ‘भारती’___

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 634 Views
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