मुक्तक
बीता हुआ पल हूँ बेशक..याद बन जाऊँगा |
लौटूँगा नहीं सच है..मगर बहुत तड़पाऊँगा |
ये अनुभूतियाँ ही हैं..जीने का इक बहाना…
आह भर.. ग़मों के एहसास में ढल जाऊँगा ||
_____________अलका गुप्ता ‘भारती’___
बीता हुआ पल हूँ बेशक..याद बन जाऊँगा |
लौटूँगा नहीं सच है..मगर बहुत तड़पाऊँगा |
ये अनुभूतियाँ ही हैं..जीने का इक बहाना…
आह भर.. ग़मों के एहसास में ढल जाऊँगा ||
_____________अलका गुप्ता ‘भारती’___