मुक्तक
सच जो भी हम देख रहे हैं, दुनिया को दिखलायेंगे
निज धर्म-कर्म पर दृढ़ होना दुनिया को सिखलायेंगे
कंपित होगी यह धरती भी ये आसमान हिल जाएगा,
वज्र की भांति वार करेंगे दुश्मन का दिल दहलायेंगे,,
सच जो भी हम देख रहे हैं, दुनिया को दिखलायेंगे
निज धर्म-कर्म पर दृढ़ होना दुनिया को सिखलायेंगे
कंपित होगी यह धरती भी ये आसमान हिल जाएगा,
वज्र की भांति वार करेंगे दुश्मन का दिल दहलायेंगे,,