मुक्तक
आज़ाद परिन्दों को चहकने की ज़रूरत है,
फूल को गुलशन में महकने की ज़रूरत है ,
कुछ लोग जो ख़ुद की निगाहों में गिरे गए
उन्हें अपने ख़यालात बदलने की ज़रूरत है,,
आज़ाद परिन्दों को चहकने की ज़रूरत है,
फूल को गुलशन में महकने की ज़रूरत है ,
कुछ लोग जो ख़ुद की निगाहों में गिरे गए
उन्हें अपने ख़यालात बदलने की ज़रूरत है,,