मुक्तक
हर किसी को हक़ में ही हालात चाहिए,
पथभ्रष्ट होकर भी उन्हें औक़ात चाहिए,
ख्वाहिशों की दौड़ में शामिल हुए सभी
अब अंधी नज़र को भी करामात चाहिए,,
हर किसी को हक़ में ही हालात चाहिए,
पथभ्रष्ट होकर भी उन्हें औक़ात चाहिए,
ख्वाहिशों की दौड़ में शामिल हुए सभी
अब अंधी नज़र को भी करामात चाहिए,,