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3 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

1
शेर सिंह गीता के ज्ञाता ,पढ़ते किशन कुरान बंधुओं
रसिक श्याम पर रचना रचते ,रच-रच कर रसखान बंधुओं
रामरतन , रहमान मिलाए ,हाथ जहां तसरीफ़ ला रहे,
उस मिट्टी को नमन ,वही है अपना हिंदुस्तान बंधुओं
2
बनकर जग में हिंदू ,मुस्लिम चाहे सिख, इसाई
एक दूसरे की करते हो, दिन भर तुम कुचुराई
कुचुराई करने वाले बस, कुचुरा कहलाते हैं
भला आदमी बनना है तो ,सबकी करो भलाई
3
कट्टर हिंदू, कट्टर मुस्लिम, कट्टर सिख, ईसाई
मेरा एक प्रश्न है, उत्तर देकर जाना भाई
पवन, सूर्ज, अग्नि औ पानी ,किस मजहब में आते
अगर एक के हैं तो सबकी क्यों कर रहे भलाई
अवधकिशोर ‘अवधू’
मो. न.-9918854285

Language: Hindi
446 Views

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