मुक्तक
1
स्वर्ग गगन में है ,ऐसा कहने वालों को कहने दो |
मन्दिर , मस्जिद , गुरद्वारों में , जो ढहते हैं,ढहने दो |
अवधू शान्ति मुझे मिलती है मात पिता के चरणों में,
आप कहीं जाओ मुझको इनके चरणों में रहने दो
2
जो निज बूढ़े मात-पिता को, नहीं दे रहे पानी
कान खोल कर सुन लो ,रहती हरदम नहीं जवानी
तेरे बच्चे देख रहे हैं ,तेरी सब करतूतें
वे जब तुमको ठीक करेंगे, याद करोगे नानी
3
अपने बूढ़े मात-पिता से, है जब तुमको प्यार नहीं
उनको वृद्धाश्रम पहुँचाते, शर्माते हो यार नहीं
तेरा हस्र यही होगा कल, पूरी दुनिया देखेगी
तेरे बच्चे हो सकते हैं, अवधू श्रवण कुमार नहीं
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक-16-11-2024
अवध किशोर ‘अवधू’
मो.न.9918854285