मुक्तक
१.
जब युवा पीढ़ी संस्कारित होने लगे
घर -घर शंखनाद बजने लगे
जब देवालयों में श्रद्धालु आने लगें
समझो संस्कार पल्लवित होने लेगे हैं
२.
सरिता जब अपनी मस्त चाल में झूमने लगे
गिरि जब छाती चौड़ी कर गर्व महसूस करने लगें
जब कानन जीवों की हुंकार से भरने लगें
समझो प्रकृति प्रेम चरम पर है